हिंदी कहानियां - भाग 60
बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, 'बीरबल, तुम दिन में अपनी पत्नी का हाथ एक या दो बार तो जरूर ही पकड़ते होओगे, क्या तुम बता सकते हो कि तुम्हारी पत्नी की कलाई में कितनी चूड़ियां हैं?'
सवाल सुनकर बीरबल असमंजस में पड़ गए। उन्होंने पहले कभी पत्नी के हाथ की चूड़ियां नहीं गिनी थीं। कुछ देर सोचने के बाद बीरबल बोले, 'जहांपनाह! मेरे हाथ का तो पत्नी के हाथों से दिन में एक-आध बार स्पर्श होता है, लेकिन आपका हाथ तो आपकी मूंछ पर दिन में दस-बीस बार लगता है। आप ही बताएं आपकी मूंछ में कितने बाल हैं?'
बादशाह ने बात काटते हुए कहा, 'मूंछ के बाल की गणना कठिन है, हाथ की चूड़ियों को गिनना संभव है।' अकबर ने कहा कि स्त्रियां अपनी पसंद के अनुसार कम अथवा ज्यादा चूड़ियां पहनती हैं, अतः निश्चित संख्या बतलाना असम्भव है।
हाजिरजवाब बीरबल मुस्कराए और आगे बोले, 'अच्छा, आप जनानखाने में तो रोज जाते हैं। ऊपर पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां चढ़नी पडती होंगी। क्या आप बता सकते हैं कि उस जीने में कितनी सीढ़ियां हैं?' जवाब में बादशाह बोले, 'कभी उनकी गिनती करने का अवसर ही नहीं मिला।'
बीरबल ने बादशाह को बातों ही बातों में घेर लिया। वह बोले, 'जहांपनाह! सीढ़ियां अटल हैं, बढ़ाईं या घटाई नहीं जा सकतीं। इस पर भी आप निश्चित संख्या नहीं बता पाए, तो चूड़ियों की संख्या ठीक-ठीक कैसे बताई जा सकती है?'इस जवाब पर बादशाह अकबर मुस्कराए और बीरबल की 'जान' छूटी।